[PDF] – Garud Puran In Hindi PDF

दोस्तों Garud Puran में जीवन और मृत्यु की घटनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है | की कैसे कर्मो को करने वालो की आत्मा मृत्यु के बाद प्रेत योनी में जाती हैं |

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको Garud Puran In Hindi PDF का डाउनलोड लिंक देने वाले हैं जिस पर आप क्लिक करके Garud Puran PDF को बिलकुल फ्री में डाउनलोड कर सकते हो | तो आइये जानते हैं Garud Puran In Hindi PDF को कैसे डाउनलोड कर सकते हैं इसकी जानकारी आपको नीचे पूरी मिल जाएगी |

Garud Puran In Hindi PDF

Garud Puran In Hindi PDF
Garud Puran In Hindi PDF

 

Garud Puran In Hindi PDF Details 

Name गरुण प्राण PDF
Size 2.55 MB
Page 275
Language Hindi
Format PDF
Download Link Available  ✔

 

Garud Puran ( गरुण प्राण ) 

गरुण प्राण हिन्दू घर्म का एक ऐसा ग्रन्थ हैं, जिसमे मृत्यु और मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया हैं | इसमे भगवान् विष्णु पक्षिराज गरुण को गरुण को मृत्यु के बारे में जो कुछ भी बताते हैं उसकी का वर्णन मिलता हैं |

दोस्तों गरुण पुराण एक ऐसा ग्रन्थ हैं जिसमे जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, कर्म, आत्मा, पाप – पुन्य, नीति – नियम, धर्म और ज्ञान से सम्बन्धित बातें बताई गयी है | साथ ही इसमे मृत्यु के बाद आत्मा के मनुष्य योनी और प्रेत योनी में जाने के बारे में भी बताया गया हैं की आखिर किन कर्मो के बाद आत्मा प्रेत योनी में जाती हैं |

गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है मृत्यु के बाद आत्मा जब शरीर का त्याग कर देती है तो इसके बाद भी उसमें भूख, प्यास, क्रोध, द्वेष और वासना आदि  का भाव रहता है | गरुड़ पुराण में कुल 84 लाख योनियों के बारे में बताया गया है | इसमें पशु योनि, पक्षी यानी, वृक्ष यानी, कीड़े मकोड़े की योनी और मनुष्य योनि आदि होते हैं | मनुष्य के बाद किसी व्यक्ति की आत्मा किसी योनि में जाएगी यह केवल उसके कर्मों पर ही निर्भर होता है | बुरे कर्म करने वालों की आत्मा मृत्यु लोक में ही भटकती रह जाती है वहीं अगर किसी की मृत्यु, घटना, हत्या या आत्महत्या आदि के कारण होती है यानी आत्मा अपने शरीर को प्राकृतिक तरीके से नहीं त्यागती है तो इसमें आत्मा प्रेत योनि में चली जाती है |

क्या है प्रीति होने का रहस्य

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद जो आत्मा को शांति नहीं मिलती या आत्मा प्राकृतिक तरीके से अपने शरीर का त्याग नहीं करती तो ऐसी स्थिति में वह प्रीति योनि में भटकती रहती है | इसलिए शास्त्रों में मृत्यु के बाद मृतक के पिंडदान और श्रद्धा के बारे में बताया गया है नियम अनुसार पिंडदान और श्रद्धा करने से पितरों की आत्मा को शांति प्रदान होती है |

लेकिन कुछ ऐसी भी आत्माएं होती हैं जो अधूरे कर्म या बुरे कर्मों के कारण शांत नहीं होती और मृत्यु लोक में भटकती रहती हैं ऐसी प्रेत आत्माएं अन्य लोगों को किसी रूप में परेशान करती है इससे हम आम बोलचाल में भूत – राक्षस आदि के नाम से जानते हैं |

( डिस्क्लेमर : दोस्तों यह सभी बातें हमने आपको मान्यताओ के आधार पर बताई हैं इसकी प्रष्टि PDF70.COM नहीं करता है )

Garud Puran In Hindi PDF को कैसे डाउनलोड करें 

Garud Puran In Hindi PDF
Garud Puran In Hindi PDF

 

दोस्तों Garud Puran In Hindi PDF को डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे इसी PDF का प्रीव्यू दिखाई देगा उसके नीचे आपको Download PDF Now का बटन दिखाई देगा उस पर क्लिक करके आप Garud Puran PDF को बिलकुल फ्री में डाउनलोड कर सकते हो |

Garud Puran PDF का प्रीव्यू 

DOWNLOAD PDF NOW : गरुण प्राण 

 

FAQs

गरुड़ पुराण में क्या-क्या लिखा हुआ है ?

गरुड़ पुराण को सनातन धर्म के 16 बड़े प्राणों में से एक माना जाता है | इसमें  भगवान विष्णु है भगवान से उनके वाहन गरुड़ ने बहुत सारे प्रसन्न पूछे और जिनका भगवान ने उत्तर भी दिया | गरुड़ पुराण विष्णु पुराण का एक हिस्सा है इसमें हिंदू धर्म की मृत्यु, पुनर्जन्म और अंतिम संस्कार से संबंधित बातें लिखी है  |

गरुड़ पुराण क्यों नहीं पढ़ना चाहिए ?

गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा की गति का विवरण है उसके कर्मों अनुसार क्या-क्या गति मिलेगी ऐसी जिक्र इस प्राण में है इसलिए इसे आम आदमी पढ़ने से डरता है |

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु से पहले क्या होता है ?

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु नजदीक आने पर व्यक्ति को रहस्य में द्वारा दिखाई देने लगता है और अपने परिवार को बताने लगता है कि उसे कोई द्वारा दिख रहा है इसके अलावा कुछ लोगों को अपने आसपास आज की लपेट भी दिखाई देती हैं |

गरुड़ पुराण कौन सुन सकता है ?

धर्म शास्त्रों के मुताबिक किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात गरुड़ पुराण पढ़ा जाता है  | मानता है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसे घर में 13 दिनों तक उसकी आत्मा रहती है और उसे आत्मा को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है ताकि उसे मोच की प्राप्ति हो सके लेकिन गरुड़ पुराण किसी व्यक्ति की मृत्यु से पहले भी पढ़ा जा सकता है |

गरुड़ पुराणों में मृत्यु कैसे होता है ?

गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग भूख से पीड़ित होकर हत्या किए जाने पर फांसी लगाकर, जहर खाकर, आग से जलकर, जल में डूब कर, सांप के काटने से, दुर्घटना में गंभीर बीमारी के कारण और आत्महत्या आज के जरिए मृत्यु को प्राप्त होते हैं उसे अकाल मृत्यु की श्रेणी में रखा गया है इन सभी में आत्महत्या को महा पाप कहा जाता है |

 

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