[PDF] दुर्लभ कश्यप की पूरी कहानी – Durlabh Kashyap Biography In Hindi

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Durlabh Kashyap Biography In Hindi 

Durlabh Kashyap Biography In Hindi
Durlabh Kashyap Biography In Hindi

 

Durlabh Kashyap Biography PDF की डिटेल्स -:

Name Durlabh Kashyap Biography In Hindi
Size 1.4 MB
Page 6
Language Hindi
Format PDF
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दुर्लभ कश्यप की पूरी कहानी – [Durlabh Kashyap Biography]

दुर्लभ कश्यप कौन था:

  • दुर्लभ कश्यप का जन्म 8 नवंबर 2000 को उज्जैन में जीवाजीगंज के अब्दालपुरा में हुआ था। वह पिता मनोज कश्यप तथा माता पदमा का इकलौता पुत्र था। दुर्लभ की मां उज्जैन के क्षीरसागर स्कूल में शिक्षिका थी। इनके पिता मुंबई में नौकरी करने के बाद, इंदौर में शिफ्ट हुए। दुर्लभ का कुछ समय इंदौर में भी बीता।
  •        इनका एक संभ्रांत व सम्पन्न परिवार था। मनोज कश्यप ने बाद में, अपना व्यवसाय शुरू किया। तब से ही इनका परिवार उज्जैन में रहने लगा। दुर्लभ के मां बाप ने, अपने बेटे का नाम दुर्लभ भी इसलिये रखा। ताकि वह बड़ा होकर, कुछ अलग और अच्छा करेगा। उनकी उम्मीद थी। कि वह सबसे हटकर, कुछ बड़ा काम करेगा। जिससे उनका नाम रोशन हो।
  •       दुर्लभ के माता-पिता कुछ निजी समस्याओं के कारण, एक दूसरे से अलग रहते थे। दुर्लभ भी कभी अपनी मां के साथ, तो कभी अपने पिता के साथ रहता था। माता-पिता दोनों ही, उसे अपनी जान से ज्यादा प्यार करते थे। इसके घर-परिवार में किसी भी चीज की कमी नहीं थी।

दुर्लभ कश्यप का शैक्षिक जीवन:

  •  माता-पिता दोनों को उम्मीद थी। कि वह एक दिन कुछ अच्छा करेगा। इसी के चलते, उन्होंने उसका दाखिला लोकमान्य तिलक हायर सेकेंडरी स्कूल में करवा दिया। लेकिन स्कूल में ही उसके रंग दिखने शुरू हो गए। थोड़ा ही दिनों के बाद, जब भी स्कूल के सीनियर और जूनियर के बीच लड़ाई होती। तो वह उस लड़ाई में कूद पड़ता।
  •       समय के बीतने के साथ ही, उसका दबदबा इतना बढ़ता गया। कि वह इन लड़ाईयों का निपटारा भी करने लगा। फिर देखते ही देखते स्कूल में, उसकी एक दबंग छात्र की छवि बन गई। इसके बाद जो भी लड़ाई झगड़ा होता है। लोग निपटारा करने के लिए, दुर्लभ कश्यप के पास आते।
  •        स्कूल के इस माहौल ने उसके दिमाग पर असर किया। वह 16 साल की उम्र में ही जुर्म के रास्ते पर चल पड़ा। 2017 के आते-आते, उसने स्कूल के दोस्तों के साथ, गैंग बना लिया। फिर यह मारपीट, उगाही, कार के शीशे तोड़कर कार को लूटना। यह सारी चीजें करने लगा। धीरे-धीरे उसका गैंग बढ़ता गया।

दुर्लभ कश्यप का पहला गुनाह:

  • यह बात उस समय की है। जब दुर्लभ महज 16 साल का था। उसने पहली बार, एक ऐसा गुनाह किया। जिसे कानून की नजरों में गलत कहा जाता है। उसका गुनाह था कि उसने अपनी दबंगई का प्रचार, सोशल मीडिया पर किया। उसने अपने फेसबुक एकाउंट के about section पर लिखा था। कि “मैं एक कुख्यात बदमाश हूँ। एक हत्यारा हूं। किसी भी तरह का विवाद निपटाने के लिए, संपर्क करें। मैं हर तरह का विवाद निपटा दूंगा।”
  •       यही से उसके जीवन का, वह दौर शुरू हुआ। जो उसे क्राइम के रास्ते पर ले गया। दरअसल, दुर्लभ कश्यप को उस समय नहीं पता था। कि वह क्या कर रहा है। इसका अंजाम क्या होने वाला है। धीरे-धीरे उसकी इस post का reaction भी देखने को मिलने लगा। अब उसकी गैंग विस्तार लेने लगी। जिसका सरगना दुर्लभ कश्यप बन गया।
  •       वह ऐसे लोगों को ही गैंग में शामिल करता। जो अपने इलाके का डॉन होता था। जो अपने इलाके का गैंगस्टर होता था। इस तरह उसके संपर्क में 4000 लड़के आ गए। धीरे-धीरे भारत के हर कोने से, युवा इसे पसंद करने लगे। दुर्लभ कश्यप गैंग का सरगना तो था। लेकिन उसे कोई और ही चला रहा था।
  •      दुर्लभ उस समय नाबालिक था। लेकिन उसे बदमाशी की दुनिया में, धकेलने का काम गुरुचरण और मुकेश जैसे कुख्यात अपराधियों ने किया। दुर्लभ कश्यप फेसबुक पर ऐसी पोस्ट डालकर, लोगों को प्रभावित किया करता था।

दुर्लभ कश्यप की पहली गिरफ्तारी:

  • उज्जैन पुलिस को जब दुर्लभ कश्यप के फेसबुक अकाउंट की जानकारी लगी। तब 27 अक्टूबर 2018 को दुर्लभ और उसके गैंग के 23 लड़कों को गिरफ्तार कर लिया गया। क्योंकि उस वक्त दुर्लभ नाबालिक था। उसके बालिक होने में महज  12 दिन ही शेष थे। इसलिए उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया। इसके बाद, वह 8 नवंबर को बालिक हो गया।
  •       तब दुर्लभ कश्यप को बड़ो की जेल में भेज दिया गया। लेकिन जेल जाने के बाद भी, उसका गैंग काम करता रहा। इस गैंग का एक वसूल यह भी था। कि अपराध करते समय, कोई भी सदस्य किसी भी तरह का नशा नहीं करेगा। इस दौरान दुर्लभ कश्यप ने बहुत सारे दुश्मन पाल लिए थे।
  •       उज्जैन के एसपी सचिन अतुलकर ने, उसे गिरफ्तार किया था। फिर एक दिन सचिन अतुलकर जेल के दौरे पर आए। तब वह जानते थे कि इसे बेल तो मिल जाएगी। लेकिन यह जानबूझकर बाहर नही आना चाहता है। तब उन्होंने दुर्लभ से कहा था। कि
  •   “तूने कम उम्र में, ज्यादा दुश्मनी पाल ली है। तू जब तक जेल में है। तब तक जिंदा है। बाहर निकलेगा, तो कोई भी तुझे मार देगा। बाद में, सचिन अतुलकर की यह भविष्यवाणी सत्य साबित हुई। उसकी पहली गिरफ्तारी तक उसे मलाल था कि वह क्या कर रहा है। वह यह सब नहीं करना चाहता था। वह  गिरफ्तारी के बाद, सुधर भी गया था।

दुर्लभ कश्यप की रिहाई:

  •  मार्च 2020 में देशभर में, कारोना का कहर टूट पड़ा। इस दौरान पूरे देश में जेलों में कैदियों की संख्या अधिक थी। तब जेल प्रशासन ने तय किया। कि जिन लोगों के जुर्म कम है। या फिर जो बेल के हकदार हैं। जिनका संगीन जुर्म नहीं है। उनको जमानत पर रिहा कर दिया जाए। कोरोना के खत्म होने पर, उन्हें वापस लाया जाएगा। इसी में, दुर्लभ कश्यप की भी बारी आ गई। उसे भी इस कोरोना के तहत छोड़ दिया गया।
  •        दुर्लभ जेल से बाहर आने के बाद, कुछ दिन इंदौर में रहता है। फिर अपनी मां के पास उज्जैन पहुंच जाता है। लेकिन उज्जैन में पहुँचने के बाद, जैसे ही वह उन दोस्तों के बीच आता है। जो उसे अपराध करने के, नए-नए तौर-तरीके सिखा रहे थे। तो वह फिर से उसी बदमाशी के रास्ते पर चल पड़ा। जिस दलदल से निकल पाना, कठिन होता है।
  •    जैसे हम जब कोई पौधा लगाते हैं। फिर जैसे-जैसे पौधा बड़ा होता है। तब हम उसे जिस दिशा की तरफ मोड़ देते हैं। वह बड़ा होने के बाद, उसी दिशा में बढ़ने लगता है। दुर्लभ कश्यप के साथ भी, कुछ ऐसा ही हुआ। उसके मिलने वाले कुख्यात बदमाश  व उसके गैंग के सदस्य। उसे ऐसी दुनिया में ले गए। जहां से वापस आ पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है।

दुर्लभ कश्यप हत्याकांड:

  • 6 सितंबर 2020 का दिन था। जब दुर्लभ अपनी टीचर मां के साथ घर में था।  उसकी मां ने, उस दिन दाल बाटी बनाई थी। वह दाल बाटी खाता है। तभी उसके कुछ दोस्तों उसे नीचे से आवाज़ देते हैं। फिर वह अपनी मां से यह कहकर बाहर निकलता है। कि वह बाहर से एक चक्कर काटकर आता हूं।
  •          वह अपने दोस्तों के साथ, थोड़ी दूर एक चाय की दुकान पर पहुंचते है। चाय की दुकान पर, दुर्लभ और उसके 4 साथी रात को 1:30 बजे चाय पीते हैं। तभी उसका एक दुश्मन चाय की दुकान पर टकरा जाता है। जो बात सचिन अतुल ने उसे जेल में कही थी। कि बाहर जाओगे, तो ठोक दिए जाओगे। 6 सितंबर 2020 शायद वही दिन था।
  •      यह लोग चाय पी रहे होते हैं। तभी शाहनवाज नाम का एक और बदमाश, अपनी पूरी गैंग के साथ पहुंचता है। उसके साथ दुर्लभ की रंजिश थी। कई मौकों पर, वह क्राइम के दौरान, एक-दूसरे के आमने सामने आ गए थे। इसी दौरान शहनवाज और दुर्लभ कश्यप में कहासुनी होने लगती है। तभी शाहनवाज गैंग के लोग, दुर्लभ पर हमला कर देते हैं। तभी दुर्लभ भी पिस्टल निकालकर, शाहनवाज पर गोली चला देता है।       इत्तेफाक से गोली शाहनवाज के कंधे पर लगती है। वह बच जाता है। इसके बाद, शहनवाज के बाकी साथी, दुर्लभ पर टूट पड़ते हैं। दुर्लभ के बाकी साथी, किसी तरह से जान बचाकर, वहां से भाग जाते हैं। तब दुर्लभ कश्यप वहाँ अकेला फंस जाता है।

दुर्लभ कश्यप की मौत:

  • शाहनवाज गैंग के लोग दुर्लभ कश्यप पर टूट पड़ते हैं। 34 बार चाकुओं के वार, दुर्लभ पर किए जाते हैं। वह लोग जिस दुकान पर बैठकर, चाय पी रहे थे। वह आखिर में, शाहनवाज गैंग से कहता है। इसे जिंदा मत छोड़ना, वरना मुसीबत हो जाएगी। इसे मार डालो। इसी के बाद, 34 बार चाकुओं से उसके ऊपर वार होते हैं। दुर्लभ कश्यप की वहीं पर मौत हो जाती है।
  •      शाहनवाज गैंग वहाँ से भाग जाता है। फिर पुलिस को खबर दी जाती है। इसके साथ ही चाय वाले के बयान दर्ज होते हैं। फिर पुलिस दोनों तरफ के, कुछ लोगों को गिरफ्तार करती है। इन सब के ऊपर हत्या  की धाराएं लगती हैं। सबको जेल भेज दिया जाता है। दुर्लभ कश्यप की मौत के 7 महीने बाद, इस सदमे से उसकी टीचर मां की भी मौत हो जाती है।
  •       पकड़े गए कातिलों में, एक शख्स जेल की छत से कूदकर, खुदकुशी कर लेता है। बाकी अभी जेल में हैं। उन पर अभी मुकदमा चल रहा है। दूसरे दिन जब उसकी मौत की खबर सुर्खियां बनी। तो लोगों को अजीब सी बात यह लग रही थी। कि एक लड़का, जो 16 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में आया। वह अभी ठीक से बड़ा भी नहीं हुआ था। 18 साल की उम्र में जेल गया।
  •        वह 20 साल की जिंदगी जी भी नहीं पाया। ऐसी जिंदगी का वह खुद गुनहगार था। क्योंकि उसके सपने एक बड़ा डॉन बनने के थे। जिसके लिए, उसने यह रास्ता चुना था।

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FAQs

दुर्लभ कश्यप को क्यों मारा गया ?

दुर्लभ कश्यप अवैध हथियार रखना, जान से मारने की धमकी, बलवा, हत्या का प्रयास, रंगदारी समेत 8 से अधिक गंभीर अपराध दर्ज थे। फेसबुक पर आपराधिक पोस्ट डालने वाले हिस्ट्रीशीटर दुर्लभ कश्यप 20 साल की रविवार-सोमवार देररात आपसी गैंगवार में चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी।

दुर्लभ कश्यप को किसने मारा और कैसे मारा ?

दोस्तों रात 1.45 बजे की यह घटना बताई गई है। अब्दालपुरा निवासी दुर्लभ रात में पांच साथियों के बाइक व स्कूटर से हैलावाड़ी में चाय की दुकान पर पहुंचा था। यहीं पर सामने खड़े शहनवाज से कहासुनी होने पर उस पर गोली चला दी। इसी के बाद शहनवाज के साथियों ने घेरकर दुर्लभ की हत्या कर दी।

दुर्लभ कश्यप की गैंग में कितने लड़के थे ?

दोस्तों दुर्लभ कश्यप की गैंग में 100 से भी ज्यादा लड़के जुड़ चुके थे |

दुर्लभ कश्यप को मरने वाला का नाम क्या हैं ? 

दुर्लभ कश्यप के कई दुश्मन थे, उनमें से एक था शाहनवाज खान यही कारण था कि 7 सितंबर 2020 को शाहनवाज नामक एक गुंडा ने उसको घेरकर चाकू घोंप कर हत्या कर दी।

दुर्लभ कश्यप की जाति कौन सी हैं ? 

दोस्तों दुर्लभ कश्यप की जाति ब्राह्मण थी |

Conclusion – निष्कर्ष 

दोस्तों आपने इस पोस्ट में जाना Durlabh Kashyap Biography In Hindi की PDF कैसे डाउनलोड करें | दोस्तों इस पीडीऍफ़ में आपको Durlabh Kashyap की पूरी Biography को पढ़ने को मिल जायेगा | दोस्तों पीडीऍफ़ को पढ़कर आप जान जायेगे की Durlabh Kashyap कौन था और उसने छोटी से उम्र में क्या – क्या किया |

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